नमस्कार दोस्तों आज हम लोग जाएंगे डिमैट अकाउंट के बारे में. क्या आप लोगों ने डिमैट अकाउंट के बारे में नाम सुना है अगर नहीं जानते तो आज हम लोग जाएंगे डिमैट अकाउंट के बारे में की डिमैट अकाउंट से जुड़े शेयर मार्केट में क्या उपयोग में आता है तो चलिए जानते हैं? Demat account क्या है डिमैट अकाउंट कैसे खोलें?
Demat account क्या है
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. डिमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के जैसा ही होता है अंतर सिर्फ इतना है कि बैंक अकाउंट में पैसों को लेने जाता है और डिमैट अकाउंट में शेयर का लेनदेन होता है. जैसा कि बैंक अकाउंट में पैसे सुरक्षित रहते हैं वैसा ही डिमैट अकाउंट में शेयर भी सुरक्षित रहते हैं. शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है.डिमैट अकाउंट में शेयर के अलावा mutual fund units, debenture और सरकारी सिक्योरिटीज भी रखी जा सकती है.
डिमैट अकाउंट को बेनिफिशियल ओनर भी कहा जाता है. डिमैट अकाउंट को बैंक, ब्रोकर यह फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से खुलवाया जा सकता है. डिमैट अकाउंट में दो डिपॉजिटरी यानी कि NSDL और CDSL की मंजूरी है. एनएसडीएल और सीडीएसएल के नीचे कई डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट होते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को इनमें से किसी एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट में रजिस्ट्री होना आवश्यक है.
डिमैट अकाउंट किसी भी रजिस्टर DP के पास खुलवाया जा सकता है. बैंक, ब्रोकर, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट भी डिपॉजिटरी सर्विसेज दे सकते हैं.
Demat Account Information in Hindi
शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करने के लिए डिमैट अकाउंट जरूरी होता है क्योंकि शेयर खरीदने पर शेयर डिमैट अकाउंट में आता है और शेयर बेचने पर शेयर डिमैट अकाउंट से ही निकलता है.ट्रांजैक्शन के दो दिन बाद ही शेयर डिमैट अकाउंट में आ जाते हैं बता दूंगी बैंक अकाउंट की तरह डिमैट अकाउंट भी ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है. डिमैट अकाउंट मूल रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक खाता है जहां आपके सभी शेयर डिमैटेरियलाइज्ड किए गए फॉर्मेट में जमा किए जाते हैं.
एक समय था जब लोग शेयर बाजार से शेयर खरीदते थे और संबंधित फाइलों में रखते थे. डिजिटल दुनिया के आगमन से ऑनलाइन ट्रेडिंग आया खरीदार और निवेश को के द्वारा शेयरों को रखने का तरीका बदल गया.
डिमैट अकाउंट के उद्देश्य
इन खातों में सभी शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक या डिमैटेरलाइज प्रारूप में रखा जाता है. एक निवेशक न केवल शेयरों को रख सकता है बल्कि म्युचुअल फंड, सरकारी बॉन्ड सिक्योरिटीज को भी रख सकता है. खाते में जमा होने वाले शेयर को सुरक्षा प्रदान की जाती है चोरी, हानि या फिर उससे होने वाली क्षति कों उनसे दूर रखा जाता है. अब हम लोग जानते हैं डीमैट खाता खोलने से पहले में किन-किन चीजों पर ध्यान देना चाहिए तो चलिए जानते हैं?
आपको शेयर ब्रोकर के साथ demat खाता खोलने से पहले निर्णय लेने से पहले कई चीजों पर नजर रखनी चाहिए. सबसे पहले ब्रोकर के प्रकार को अच्छी तरह से समझ ले क्या वह फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर है या फिर वह बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर है या फिर डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर है. आपको अपने खाते पर लगाए गए सभी प्रकार के शुक्ल की जांच करनी चाहिए. खाता खोलने के शुल्क, एमसी, ब्रोकरेज चार्जेस, न्यूनतम प्रारंभिक जमा आदि.
डिमैटेरलाइजेशन होता क्या है
डिमैटेरलाइजेशन मूल रूप से भौतिक शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया होती है. डीमेट डिमैटेरलाइजेशन का इस संक्षिप्त संस्करण है जहां शेयर को ऑनलाइन के माध्यम से देखा जा सकता है. इसके अलावा इन शेयरों को स्टोरेज न केवल इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप माध्यम के द्वारा किया जाता है बल्कि इन शेयर की खरीद व बिक्री भी ऑनलाइन के माध्यम से ही होती है. डिमैट अकाउंट के जरिए लोग शेयर बाजार के शेयर को खरीद या बेच सकते हैं इस अकाउंट को खुलवाने के लिए आपके पास जरुरी डॉक्यूमेंट होना जरूरी है.
Demat Account खोलने के तरीके
डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना बहुत जरूरी है क्योंकि बिना पैन कार्ड के आप डिमैट अकाउंट नहीं खोल सकते. तो दोस्तों अब बात आती है डिमैट अकाउंट खुलवाने में कितने पैसे लगते हैं अगर आप सोच रहे हैं कि डिमैट अकाउंट खुलने में आपके ज्यादा पैसे खर्च हो जाएंगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं क्योंकि आप 300 से लेकर ₹700 में आप डिमैट अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं.
कुछ डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट या फिर बैंक फ्री में भी डिमैट अकाउंट खोल कर देते है. पर डिमैट अकाउंट चलाने के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आपसे कई तरह की फीस लेते हैं हर चीज के लिए अलग-अलग फीस लेते हैं या फिर अलग-अलग कंपनी में अलग-अलग भी हो सकती है तो यह सारी चीज डिमैट अकाउंट खुलवाने से पहले अच्छी तरह से समझ ले तभी आप डिमैट अकाउंट खोलें धन्यवाद…