नमस्कार दोस्तों आज हम भोजन में जीडीपी के बारे में आप लोगों ने कभी ना कभी न्यूज़ पेपर या अखबार में जीडीपी का नाम तो जरूरी सुना होगा लेकिन बहुत ही कम लोग जीडीपी के बारे में जानते हैं जीडीपी होता है क्या तो आज हम लोग इसी के बारे में चर्चा करेंगे तो चलिए जानते हैं GDP क्या होता है की जीडीपी का फुल फॉर्म?
GDP क्या होता है जीडीपी का फुल फॉर्म?
तो दोस्तों सबसे पहले हम लोग यह जानते हैं की जीडीपी का फुल फॉर्म होता क्या है तो चलिए जानते हैं? जीडीपी का फुल फॉर्म Gross Domestic Product होता है इसे हिंदी में सकल घरेलू उत्पाद भी कहा जाता है जिसे हम जीडीपी कहते हैं. किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की वैल्यू को हम जीडीपी कहते हैं. अर्थशास्त्र सुशांत हेगड़े के कहना है की जीडीपी ठीक उसी तरह होती है जिस तरह किसी विद्यार्थी का मार्कशीट हो.
जिस तरह मार्कशीट से पता चल जाता कि विद्यार्थी ने साल भर में कैसा प्रदर्शन किया है ठीक उसी तरह देश की जीडीपी आर्थिक गतिविधियां स्तर को दिखाता है और इससे पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेजी या फिर गिरावट आई है. इससे पता चलता है कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था साल भर में कैसा प्रदर्शन किया है.
अगर जीडीपी की डाटा पिछले वर्ष की तुलना में low हो रही है तो इसका मतलब कि देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा रही है.भारत में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय एक वर्ष में चार बार जीडीपी के आकलन करता है यानी कि हर 3 महीने में देश की जीडीपी का आकलन करता है.
जीडीपी का आकलन कैसे करता है
जीडीपी का आकलन 4 प्रक्रिया के द्वारा किया जाता है, सबसे पहले प्रक्रिया है Contruction expenditure, दूसरा Government expenditure, तीसरा Investment expenditure, और चौथा Net Expenditure आता है. जीडीपी का आकलन Nominal और Real Term में होता है. नॉमिनल टर्म में यह सभी वस्तुओं और सेवाओं की मौजूदा कीमत पर वैल्यू है.जब एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों की गणना आधार वर्ष के मूल्य या स्थिर प्राइस पर की जाती है तो जो जीडीपी की वैल्यू प्राप्त होती है उसे Real जीडीपी कहते हैं।
रियल जीडीपी कों ही हमलोग आमतौर पर अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के तौर पर मानते हैं. जीडीपी की डाटा को कई सेक्टरों से इकट्ठा किया जाता है इनमें क़ृषि, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस सप्लाई, Hotel, Construction, Trade और Communication, Financing, Real Estate, Insurance, Business Services,Community, Social Work और सार्वजनिक सेवाए शामिल है.
जीडीपी क्यों महत्वपूर्ण है?
GDP आम जनता के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकार और लोगों के लिए फ़ैसले करने का एक अहम फ़ैक्टर साबित होता है.अगर देश की GDP बढ़ रही है, तो इसका मतलब यह है कि देश आर्थिक गतिविधियों के संदर्भ में अच्छा विकास कर रहा है और सरकारी नीतियाँ ज़मीनी स्तर पर प्रभावशाली साबित हो रही हैं और देश की आर्थिक स्तिथि सही चल रही है.
अगर GDP सुस्त हो रही है या पिछले वर्ष के मुकाबले मायनस में जा रही है, तो इसका मतलब यह है कि सरकार को अपनी नीतियों पर काम करने की ज़रूरत है ताकि अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने में मदद की जा सके.
सरकार के अलावा कारोबारी, Stock Market और अलग-अलग नीति निर्धारक जीडीपी डेटा का इस्तेमाल सही फ़ैसले करने में करते हैं.जब देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करती है, तो कारोबारी और ज़्यादा पैसा निवेश करते हैं और उत्पादन को बढ़ाते हैं क्योंकि भविष्य को लेकर वे आशावादी और भरोसेमंद होते हैं.
लेकिन जब GDP के आँकड़े कमज़ोर होते हैं, तो हर कोई अपने पैसे बचाने में लग जाता है. लोग कम पैसा ख़र्च करते हैं और कम निवेश करते हैं. इससे आर्थिक ग्रोथ और कमजोर हो जाती है.ऐसे में Goverment से ज़्यादा पैसे ख़र्च करने की उम्मीद की जाती है. सरकार कारोबार और लोगों को अलग-अलग स्कीमों के ज़रिए ज़्यादा पैसे देती है ताकि वो इसके बदले में पैसे ख़र्च करें और इस तरह से आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा मिल सके.