नमस्कार दोस्तों आज हम लोग जानेंगे IPD के बारे में क्या आप लोगों ने आईपीडी का कभी नाम सुना है नहीं सुना है तो चलिए आज हम लोग जानते हैं आईपीडी क्या है IPD की क्या-क्या उपयोग एवं फायदे होते हैं अगर आप लोग नहीं जानते तो चलिए आज हम लोग जानेंगे? IPD क्या होता है आईपीडी का फुल फॉर्म?
IPD का फुल फॉर्म क्या होता है?
दोस्तों IPD के फुल फॉर्म बहुत सारे हो सकते हैं लेकिन अधिकांश लोग इसे मेडिकल टर्म के अनुसार जानना चाहते हैं यानी कि अस्पताल में आईपीडी किस लिए प्रयोग किया जाता है. मेडिकल टर्म के हिसाब से आईपीडी का फुल फॉर्म हम सभी लोगों को पता होना चाहिए. दोस्तों हम लोग कई बार हॉस्पिटल गए होंगे और जाते भी रहते हैं लेकिन हम लोगों ने आईपीडी शब्द को भी बहुत बार सुना होगा अस्पताल में लेकिन हमेशा से बहुत से लोग हैं जिनको उनके बारे में इसका मतलब नहीं मालूम है और इसका फुल फॉर्म क्या होता है यह भी नहीं मालूम है लेकिन चलिए आज हम लोग जानेंगे इसका फुल फॉर्म क्या होता है?
IPD का फुल फॉर्म होता है Inpatient Department. इसको दूसरे वर्ड में indoor patient department कहा जाता है यह दोनों एक ही है लेकिन इससे अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है.आप चाहे तो इसे Inpatient Department भी कर सकते हैं या फिर indoor patient department भी कह सकते हैं. अब तो हम लोग जान गए कि आईपीडी का फुल फॉर्म क्या होता है अब हम लोग जाएंगे आईपीडी आखिर होता है क्या? तो चलिए जानते हैं?
IPD क्या होता है आईपीडी का फुल फॉर्म?
आईपीडी शब्द अस्पताल में सुनने को या फिर देखने को मिलता है. आईपीडी अस्पताल के एक विभाग का नाम होता है जिससे Inpatient Department या फिर indoor patient department कहा जाता है. यह बड़ा शब्द होने के कारण इसे शॉर्ट में IPD कहा जाता है. मित्रों आज के समय बहुत सारे ऐसी जगह पर छोटे-छोटे क्लिनिक होते जहां पर बहुत सारे लोगों का इलाज किया जाता है इन वहां पर ऐसा कोई भी विभाग नहीं होता जी हां. यह विभाग केवल बड़े-बड़े अस्पतालों में देखने को मिलता है.
आईपीडी उसे ही कहते हैं जहां पर मरीजों को एडमिट किया जाता है.किसी भी व्यक्ति की तबीयत अगर बहुत ज्यादा खराब रहती है तो उसे बहुत अधिक ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है इसलिए अस्पताल में उसे भर्ती करना पड़ता है और उस मरीज को जहां पर भर्ती किया जाता है उसे ही आईपीडी विभाग कहा जाता है. इसी विभाग होने पर हम मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर पाते है और जहां पर यह विभाग नहीं है तो वहां पर हम मरीज को एडमिट नहीं कर सकते है.
OPD और आईपीडी में क्या अंतर है
ओपीडी जिसे हम Outpatient Department भी कहते हैं और आईपीडी से हम Inpatient Department कहते हैं.इन दोनों विभागों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है तो चलिए जान लेते हैं. जब कोई भी मरीज अस्पताल में आता है और वह भर्ती होना चाहता है या फिर अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहता है तो उन्हें आईपीडी में संपर्क करना होता है.और कोई मरीज अपना सिर्फ चिकित्सा करवाना चाहता है लेकिन भर्ती नहीं होना चाहता है तो उन्हें ओपीडी में संपर्क करना होता है.
जिंदगी मरीजों को अस्पताल में कुछ दिनों के लिए एडमिट किया जाता है उन्हें अस्पताल में प्रवेश करते वक्त इन पेशेंट डिपार्टमेंट में क्या आईपीडी में संपर्क करना होता है और जिस मरीज को एडमिट करना नहीं होता है सिर्फ इलाज करके घर जाना होता है तो उन्हें आउट पेशेंट डिपार्मेंट पर संपर्क करना होता है.
आईपीडी कैसे काम करती है
सबसे पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि आईपीडी एक अस्पताल के विभाग का नाम है और जब भी किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाना होता है तो आप इसी विभाग के जरिए अस्पताल में भर्ती करवा सकते हैं.
जब डॉक्टर आपको बोलते हैं कि आपको एडमिट करने की जरूरत है या फिर आप खुद चाहते हैं क्या अच्छा फील नहीं हो रहा है और हम एडमिट होना चाहते हैं तब आपको आईपीडी काउंटर पर जाकर आपको एडमिशन फाइल बनवानी होती है वहां पर आपके रूम की कुछ केटेगरी दिखाई जाती है जैसे कि जनरल, सेमी प्राइवेट, प्राइवेट अगर उससे भी अच्छा कोई रूम होता है तो आपको बताया जाता है आप जिस भी रूम के लिए बोलते हैं आपको उसे रूम दे दिया जाता है उस रूम के लिए आपसे अलग-अलग चार्ज भी लेते हैं.
आईपीडी में मरीजों को रखने के बाद अस्पताल में उनके 24 घंटे देखभाल की जाती है. मरीज को उचित समय पर चिकित्सा एवं दवाइयां भी दी जाती है अच्छे से देखभाल और चिकित्सा के कारण मरीज को कम ही दोनों में ठीक होने के चांसेस बहुत ही ज्यादा होती है.तो दोस्तों यह तो जानकारी आईपीडी से जुड़ी हुई, अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों को भी शेयर जरूर करें.