RBI क्या होता है भारतीय रिजर्व बैंक क्या है?

0
51

नमस्कार दोस्तों आज हम लोग जानेंगे भारतीय रिजर्व बैंक के बारे में आप लोगों ने भारतीय रिजर्व बैंक के बारे में तो नाम जरुर सुना होगा न्यूज़ या अखबारों में, लेकिन शायद ही आप लोग इसके बारे में अधिक जानते होंगे. अगर आपको भारतीय रिजर्व बैंक क्या होता है इसके बारे में पूरी इनफार्मेशन नहीं है तो आज हम लोग जानेंगे भारतीय रिजर्व बैंक यानी कि आरबीआई के बारे में तो चलिए जानते हैं?RBI क्या होता है भारतीय रिजर्व बैंक क्या है?

RBI क्या होता है भारतीय रिजर्व बैंक क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक यानी कि आरबीआई भारत की सर्वोच्च मौद्रिक संस्था है.भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में आरबीआई अधिनियम 1934 द्वारा की गई थी.आरबीआई विदेशी रिजर्व, बैंको का बैंक, भारत सरकार के बैंकर, और ऋण नियंत्रक के रूप में कार्य करता है.आरबीआई भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटों की छपाई और पैसों की पूर्ति करने का भी काम करती है.

भारतीय रिजर्व बैंक देश का केंद्रीय बैंक है भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में बैंकिंग विधि नियम 5 करोड़ शुरुआती धनराशि के साथ की गई थी. उस समय भारतीय रिजर्व बैंक के लगभग सभी शहरों का स्वामित्व गैर सरकारी शेयर धारको के हाथों में था.इसीलिए कुछ लोगों के हाथों में शेयर के केंद्रीय कारण को रोकने के लिए 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया था.चलिए हम लोग जानते हैं भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य के बारे में?

 भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य

 नोट जारी करना

भारतीय रिजर्व बैंक का सबसे पहला कार्य होता है नए नोटों की छपाई करना. भारतीय रिजर्व बैंक के पास देश में नोटों को छापने का एकाधिकार है उसके पास ₹1 के नोट को छोड़कर सभी प्रकार के नोटों को जारी करने का अधिकार है.₹1 का नोट केवल वित्त मंत्रालय के द्वारा ही जारी किया जाता है.नोटों को जारी करना छपाई के लिए रिजर्व बैंक न्यूनतम रिजर्व प्रणाली यानी की Minimum Reserve System को अपनाते हैं. इस प्रणाली के तहत 1957 से रिजर्व बैंक सोने और विदेशी मुद्रा के भंडार के रूप में 200 करोड़ तक रिजर्व रखता है.

जिनमें से कम से कम 115 करोड़ रुपये सोने के रूप में और शेष विदेशी मुद्रा के रूप में सुरक्षित रखता है.इस 200 करोड़ की धनराशि को रखने के बाद रिजर्व बैंक जरूरत के हिसाब से कितनी भी मुद्रा को छाप सकता है हालांकि उसे भारत सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है.

 भारत सरकार का बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य भारत सरकार और राज्यों के बैंक एजेंट और सलाहकार के रूप में कार्य करना है. यह राज्य और केंद्र सरकार के सभी बैंकिंग कार्य करता है और आर्थिक और मौद्रिक नीति से संबंधित मामलों पर सरकार को उपयोगी सलाह भी देता है. यह सरकार के सार्वजनिक ऋण का प्रबंध भी करता है

 बैंकों का बैंक के रूप में कार्य

भारतीय रिजर्व बैंक अन्य वाणिज्य बैंकों के लिए उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार अन्य बैंक आमतौर पर अपने ग्राहकों के लिए कार्य करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक देश के सभी वाणिज्य बैंकों को पैसा उधार देता है.

 क्रेडिट का नियंत्रण करना

भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्य बैंकों द्वारा उत्सर्जित क्रेडिट को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी लेता है. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए देश में प्रभावी रूप से ऋण को नियंत्रित करने और विनियम करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक तकनीक का व्यापक उपयोग करता है.भारतीय रिजर्व बैंक देखाता है की अर्थव्यवस्था में पर्याप्त धन आपूर्ति है और इससे देश में मुद्रा की स्थिति पैदा हो सकती है तो वह अपने मौद्रिक नीति के माध्यम से बाजार में पैसे की आपूर्ति की कमी करता है. और जब अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति में कमी हो जाती है तब वह बाजार में पैसे की आपूर्ति की कमी को बढ़ा देता है.

 विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षण

विदेशी विनियम दर को स्थिर रखने के लिए उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्राओं को खरीदता और बेचता है और देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा भी करता है. विदेशी विनियम बाजार में जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति कम हो जाती है तो भारतीय रिजर्व बैंक इस बाजार में विदेशी मुद्रा बेचता है जिससे कि इसकी आपूर्ति बढ़ाई जा सके. और जब विदेशी मुद्रा की  आपूर्ति अर्थव्यवस्था में बढ़ जाती है तो आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार से विदेशी मुद्रा को खरीदता है. वर्तमान में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 360 बिलीयन अमेरिकन डॉलर है.

RBI से जुड़ी जानकारी

भारतीय रिजर्व बैंक कई अन्य विकास कार्यों को भी करता है इस विकास कार्य में कृषि के लिए ऋण का अनुमोदन, सरकारी प्रतिभूति और व्यापारिक बिलों की खरीद बिक्री, सरकारी खरीद के लिए ऋण देना, और मूल्यवान वस्तु की खरीद बिक्री आदि शामिल है. यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF में भारत सरकार के प्रतिनिधित्व के रूप में भी कार्य करता है.और भारत की सदस्यता का प्रतिनिधित्व भी करता है.

6 जुलाई 2005 को वित्तीय बाजारों पर निगरानी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक नए विभाग का जिसका नाम भारतीय वित्तीय बाजार विभाग रखा गया और इसका गठन किया गया था. यह नवगठित विभाग भविष्य में ऋण प्रबंधन और मौद्रिक संचालन की गतिविधियों को अलग करेगा.यह विभाग मुद्रा बाजार के उपकरणों के विकास और निगरानी का कार्य करेगा.

गूगल मैप (Google Maps) क्या है लोकेशन मे इसका उपयोग कैसे करें?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here