दोस्तों आचार्य चाणक्य महान ज्ञानी होने के साथ ही एक अच्छे नीति कार भी थे | उन्होंने अपनी नीति में कई प्रकार के जानवरों का उदाहरण देकर भी मनुष्य को महत्वपूर्ण बातें समझाने का प्रयास किया है | चाणक्य के अनुसार प्रत्येक जानवर से मनुष्य को कुछ ना कुछ सीख ले कर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए | जहां स्त्रियों को एक कौवे की तरह होना चाहिए | वहीं पुरुषों को एक कुत्ते की तरह होना चाहिए अगर कुत्ते के ये 5 गुण किसी भी मनुष्य में होते हैं | तो वह अपने पत्नी को सदा ही संतुष्ट रखते हैं | और परिवार के सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाता है |अपनी पत्नी को संतुष्ट कैसे रखें – चाणक्य नीति?
अपनी पत्नी को संतुष्ट कैसे रखें – चाणक्य नीति?
तो चलिए दोस्तों हेलो आज हम इसमें यह जानने का प्रयास करेंगे कि कुत्तों की वो 5 आदतें कौन सी है |
थोड़े से ही संतुष्ट रहना
दोस्तों आचार्य चाणक्य जी कहते हैं | किसी भी मनुष्य को यथाशक्ति के मुताबिक ही कार्य करना चाहिए। कार्य करने के बाद जो भी धन कमाया जाए उसी में से संतुष्ट रहकर अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहिए | जो पुरुष थोड़े धन से ही संतुष्ट होकर परिवार का पेट पालता है | वही सर्वश्रेष्ठ पुरुष होता है | दोस्तों कुत्ता भी थोड़ा सा अन्न प्राप्त करने बाद ही संतुष्ट हो जाता है | उसी प्रकार पुरुषों को जितना भी प्रेम से मिले उसे उतना ही स्वीकार करना चाहिए।
सतर्क रहना
दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा | कुत्ता काफी गहरी नींद में होने के बाद भी हमेशा सतर्क रहता है | चाणक्य जी बताते हैं | उसी प्रकार पुरुषों का भी कर्तव्य है | कि वो अपने परिवार और अपने कार्यों के लिए सदा सतर्क रहें शत्रुओं से सदा सावधान रहें चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो अपने परिवार के रक्षन के लिए सदा ही तत्पर रहना चाहिए | ऐसे पुरुष से जो स्त्री विवाह करती है | वह सदा ही सुख भोगती है |
वफादारी
दोस्तों चाणक्य जी कहते हैं | कुत्ता एक वफादार प्राणी है | इस पर कोई शक नहीं करेगा | उसी प्रकार पुरुष को भी अपने पत्नी के प्रति वफादार रहना चाहिए | नहीं तो आजकल के पुरुष पत्नी के होते हुए भी पराई स्त्रियों के प्रेम जाल में फस जाते हैं | और उनसे संबंध बनाते हैं | जिस स्त्री का पति एक कुत्ते की तरह वफादार होता है | वो स्त्री सदा ही सुखी और आनंदित रहती है |
वीरता
दोस्तों चाणक्य के मुताबिक कुत्ता एक वीर प्राणी होता है | वो अपने मालिक की रक्षा करने के लिए अपने प्राण भी दाव पर लगा देता है | उसी प्रकार अगर किसी स्त्री का पति वीर हो और उसकी रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की चिंता ना करता हो तो ऐसी स्त्री भाग्यशाली औरतों में गिनी जाती है | क्योंकि उसे एक बहादुर पति मिलता है | जो कि उस पर अपनी जान छिड़कता है |
संतुष्ट रखना
दोस्तों एक पुरुष को चाहिए कि वह अपनी पत्नी को शारीरिक सुख के मामले में सदा संतुष्ट रखें। अगर स्त्री को शारीरिक संतुष्टि मिलती है तो वह कभी पथभ्रष्ट नहीं होती। स्त्री को पति से संतुष्टि के मामले में शारीरिक सुख की कामना होती है | अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाता तो वो स्त्री पराए पुरुष से संबंध बना सकती है |
चाणक्य के अनुसार पत्नी मित्र और नौकर की परीक्षा कैसे ले?
आचार्य चाणक्य की मृत्यु कैसे हुई थी ?