इस दिशा की ओर मुंह घुमा कर कभी ना खाएं?
जैसा कि मित्रों अधिकतर लोग यह तो जानते हैं कि वास्तु शास्त्र से किसी घर, स्थान, दिशा एवं इत्यादि का महत्व के बारे में तो जान ही सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे रोजाना की दिनचर्या कार्यों पर वास्तु शास्त्र का बहुत अधिक महत्व होता है और उन्हीं में से एक होता है भोजन करना। भोजन तो सभी करते हैं लेकिन भोजन करने के नियम एवं किस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए यह बहुत ही कम लोगों को पता होता है। सही दिशा में भोजन करने से हमारा शरीर भी हष्ट पुष्ट एवं रोगों से मुक्त एवं व्यापार आदि में वृद्धि भी होती है। इसलिए आज हम लोग इन्हीं के बारे में कुछ भोजन करने से जुड़े नियम के बारे में जानेंगे जो वास्तु शास्त्र के लिए उचित बताया गया हो । इस दिशा की ओर मुंह घुमा कर कभी ना खाएं?
इस दिशा की ओर मुंह घुमा कर कभी ना खाएं?
पूर्व दिशा की ओर भोजन करना
वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करने की उत्तम दिशा पूर्व दिशा है। इस दिशा की ओर मुंह करके खाना खाने से सेहत ठीक रहती है और हमारा शरीर भी गंभीर बीमारी से दूर रहता है। इसके अलावा पूर्व दिशा में भोजन करने से मानसिक तनाव भी दूर रहता है साथ ही दिमाग को शक्ति मिलती है। कहा जाता है कि पूर्व दिशा में बैठकर भोजन करने से खाना अच्छी तरह से पचता है जिससे मनुष्य हमेशा तंदुरुस्त रहता है। इसीलिए बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित मनुष्य को पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए।
उत्तर दिशा की ओर भोजन करना
मित्रों वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा के बाद जो सबसे अच्छी दिशा मानी गई है भोजन करने के लिए वह है उत्तर दिशा। जो भी व्यक्ति धन कमाना चाहता है या फिर अपने व्यापार में तरक्की करना चाहता या फिर ज्ञान में तेज होना चाहता है तो उसके लिए सबसे उचित दिशा मानी गई है उत्तर दिशा। अगर कोई व्यक्ति उत्तर दिशा की ओर मुंह करके खाना खाता है तो वह इन सब चीजों में सफलता प्राप्त कर सकता है। दरअसल उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की दिशा मानी जाती है इस ओर मुंह करके भोजन करने से व्यक्ति धनवान तो बनता ही है साथ ही वह व्यक्ति कई कार्यों में सफलता भी प्राप्त कर लेता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कोई भी व्यक्ति परिवार के एक सदस्य एवं मुखिया को ईस दिशा की ओर मुंह करके भेजना अवश्य करना चाहिए जिससे परिवार में आर्थिक परेशानियां ना हो।
पश्चिम दिशा की ओर भोजन करना
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा के बाद अगर किसी दिशा का उल्लेख मिलता है तो वह है पश्चिम दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा को लाभ की दिशा माना जाता है। ऐसे में व्यापारी, नौकरी पेशा वाले लोगों के लिए ऐसे व्यक्तियों को पश्चिम दिशा की ओर ही मुंह करके भोजन करना चाहिए जिससे उन्हें व्यापार में लाभ प्राप्त हो और अधिक से अधिक धन कमाने में अर्जित करें।
दक्षिण दिशा की ओर भोजन करना
वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करने के लिए अंतिम दिशा है दक्षिण दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को कभी भी इस दिशा में भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में वही लोग भोजन करते हैं जिनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं रहते है। क्योंकि शास्त्रों एवं पुराणों में दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके वही व्यक्ति खा सकते हैं जो श्राद्ध एवं पिंडदान करते हैं या फिर जो अनाथ है जिनके माता-पिता नहीं है।
कहा जाता है कि जिनके माता-पिता अभी जीवित है ऐसे व्यक्तियों को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से अपने माता-पिता का अपमान करने के बराबर माना जाता है और घर में आए हुए सुख समृद्धि भी चली जाती है। तो मित्रों आप ही लोग उचित करेें कि आपको किस दिशा में भोजन करना आपके एवं आपके परिवार के लिए सही होगा।
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