जीवन में अच्छा समय आने से पहले उल्लू से मिलते हैं यह संकेत?
मित्रों मनुष्य के साथ-साथ पशु पक्षियों भी हमारे मित्र के समान ही है और वह भी हमारे मित्र के समान व्यवहार एवं प्रेम रखते हैं। हर पशु पक्षी में अपने अपने गुण एवं स्वभाव एवं विशेषताएं अलग-अलग होते हैं। और इन्हीं विशेषताओं से भी जाने जाते हैं कई बार इन पशु पक्षियों के गुणों एवं स्वभाव एवं क्रियाकलापों के कारण इन्हे शुभ अथवा अशुभ के रूप में भी जोड़कर देखा जाता है। जीवन में अच्छा समय आने से पहले उल्लू से मिलते हैं यह संकेत?
शास्त्रों के अनुसार मनुष्यों को पशु पक्षियों के द्वारा कई महत्वपूर्ण संकेत प्राप्त होते हैं। यदि मनुष्य इन संकेतों को ध्यान से जोड़ देखें तो उन्हें भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त हो सकती है। जीवन में अच्छा एवं बुरा समय आने से पहले पशु पक्षी एवं पेड़ पौधे हमें विशिष्ट संकेत देते हैं क्योंकि ईश्वर ने उन्हें अद्भुत शक्ति प्रदान की है जिससे वह वातावरण में उर्जा के सूक्ष्म किरणों को महसूस कर सकते हैं। आज हम बात करेंगे एक ऐसे ही पक्षी उल्लू के बारे में।
अच्छा समय आने से पहले उल्लू से मिलते हैं यह संकेत?
दोस्तों उल्लू के बारे में ऐसी आज भी कई ऐसी मान्यता है जो उनके किए जाने वाले व्यवहार से शुभ एवं अशुभ होने वाली घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है। कई लोग उल्लू को बहुत ही शुभ मानते हैं एवं कई लोग ऐसे भी हैं जो उल्लू को अशुभ मानते है। उल्लू एक निशाचर पक्षी है जो रात में जागता है और दिन में सोता है। असल में उल्लू की शरीर रचना एवं आवाज ऐसी होती है कोई भी उसे देख कर डर जाए, शायद इसी कारण से इन्हें देखना अपशकुन माना जाता है। उल्लू के मुंह से निकलने वाली ध्वनि यानि उनकी आवाज रात के शांत वातावरण को डरावना बना देती है।
उल्लू की आंखें बहुत बड़ी डरावनी और इंसानों की तरह सामने की ओर होती है। उल्लू अपनी गर्दन एवं आंखों को चारों ओर घुमा सकता है भयानक दिखने वाले इस पक्षी की आवाज बहुत ही भयानक होती है। यह हमेशा रात में आवाज करते हैं और रात में ही शिकार करते हैं इसलिए इसे पुराने जमाने के लोग अशुभ मानते हैं।
लेकिन दोस्तों पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार लक्ष्मी जी जब स्वर्ग से धरती लोक पर आ रही थी तो उन्हें सबसे पहले प्राणियों में उल्लू ही दिखा था क्योंकि वह रात का समय था और रात के समय में एक उल्लू ही जाग रहा था इसलिए उन्होंने उसी को अपना वाहन बना लिया इसलिए कहा जाता है कि दीपावली के समय में उल्लू की आवाज सुनना या फिर उन्हें देखना अत्यंत शुभ माना जाता है। भारत के कई राज्यों में आज भी माता लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ उल्लू की भी पूजा करने का रिवाज है।
उल्लू के बारे में शुभ-अशुभ बातें।
कई जगह पर माना जाता है किधर किसी गर्भवती महिला को उल्लू दिख जाती है तो यह शुभ संकेत है और उल्लू उन्हें छू ले तो उनकी होने वाली संतान सौभाग्यशाली होती है। इसी प्रकार उल्लू यदि किसी रोगी को छू कर चला जाता है तो उसका गंभीर रोग भी ठीक हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति किसी आवश्यक कार्य, नौकरी, काम अथवा परीक्षा के लिए जा रहे हैं रास्ते में उन्हें उल्लू दिख जाए तो उन्हें शुभ माना जाता है और उनके कार्य जल्दी पूरे हो जाते हैं। सवेरे के समय में उल्लू दिखाई दे या फिर उनकी आवाज सुनाई दे तो यह धन प्राप्ति के शुभ संकेत होता है।
उल्लू के बारे में और भी कई मान्यता है कि कहा जाता है कि उल्लू अगर दायी दाएं और देखकर बोलता है तो उन्हें अशुभ माना जाता वहीं अगर भाई और देख कर बोलता है तो उन्हें शुभ माना जाता है। कहते हैं कि उल्लू जिस घर पर बैठ जाता है वह घर भी जल्दी बैठ जाता है अर्थात बर्बाद हो जाता है। किसी भी उल्लू को किसी घर पर लगातार बार-बार बैठना या फिर रोना उस घर में रहने वाले लोगों एवं उस घर पर अपशकुन माना जाता है साथ ही वहां पर धन हानि एवं मृत्यु का भी अंदेशा रहता है।
उल्लू से जुड़ी कुछ विशेषताऐ
वैसे देखा जाए तो शुभ या अशुभ में उलझा यह पक्षी बहुत शांत होता है। किसानों के लिए यह पक्षी वरदान ही होता है यह चूहों एवं फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जीव जंतु का हीं शिकार करता है परंतु धीरे-धीरे उल्लू भी संख्या में कम होते ही जा रहे हैं। उल्लू का उपयोग अधिकतर तंत्र साधना एवं दीपावली के समय में लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा एवं उनकी बलि दी जाती है, इसके नाखून, बाल और दातों को तांत्रिक क्रिया में प्रयोग किया जाता है परंतु ऐसा करने वाले नहीं जानते हैं कि उल्लू तो लक्ष्मी का ही वाहन है उसे मारकर माता कभी प्रसन्न नहीं हो सकती है। तो दोस्तों उल्लू के बारे में आपको यह जानकारी अच्छी लगी लगे तो शेयर जरूर करें।
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