मित्रों भारत में पुरातन काल से बहुत सी मान्यताएं चली आ रही है जिनमें से एक है कि यदि बिल्ली रास्ता काट दे तो लोग रुक जाते हैं और इंतजार करते हैं जब तक कोई दूसरा इंसान आगे नहीं निकल जाए तब तक वह आगे नहीं बढ़ते हैं. लेकिन क्या आपको ये पता है कि बिल्ली का रास्ता काटना शुभ है या अशुभ – कुछ लोगों का यह मानना होता है कि यह किसी अपशगुन से कम नहीं होता वही कुछ इस पर भरोसा नहीं करते हैं,
वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके सामने से जब बिल्ली रास्ता काट जाती है तब वह थूक देते हैं और कुछ समय रुकने के बाद रास्ता पार करते हैं. आखिर इसके पीछे कितनी सच्चाई है क्या वास्तव में बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ होता है और इन मान्यताओं के पीछे की वजह क्या है? क्या कभी आपने ऐसा सोचा है तो आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं और आखिर ऐसी मान्यताएं क्यों है तो चलिए जानते हैं?
बिल्ली का रास्ता काटना शुभ या अशुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु को अशुभ ग्रह माना गया है जो आपके जीवन में कई तरह के परेशानियों का कारक होता है और इसकी अशुभ असर से जीवन में काली शक्तियां तथा नकारात्मकता आती है. जिसके चलते हमारे जीवन में दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है . वही बिल्ली को वैदिक ज्योतिष में राहु की सवारी बताया गया है. राहु की सवारी होने के कारण भारतीय जनमानस में बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ माना गया है.
ऐसी मान्यता है कि राहु जिस तरह दुर्घटना का कारक है उसी तरह बिल्ली का रास्ता काटने से मुश्किलो की आशंका बढ़ जाती है या फिर कुछ गलत हो सकता है यानी लोग बिल्ली से नहीं बिल्ली पर सवार राहु के कारण उसका रास्ता काटने को अशुभ मानते हैं .अब बताते हैं बिल्ली के अपशगुन के पीछे की एक और कारण यह भी है
बिल्ली के अपशगुन
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार धन की देवी लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी दरिद्रता की देवी मानी जाती है. अलक्ष्मी हमेशा गरीबी और जीवन में परेशानी लाती है और तो और अलक्ष्मी की सवारी के रूप में बिल्ली को ही दर्शाया गया है इस तरह से बिल्ली भारतीय जनमानस अशुभता का प्रतीक मानी जाती है. लेकिन बता दें दिवाली के दिन बिल्ली का घर में आना शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा बताया जाता है की दिवाली के दिन बिल्ली घर में आकर यदि मल कर देती है तो इससे दरिद्रता दूर चली जाती है और सुख समृद्धि ईश्वर की प्राप्ति होती है.
अगर इस दिन बिल्ली आपके घर में आए तो ऐसा माना जाता है कि अलक्ष्मी आपके घर से चली जाती है. वैसे तो बिल्ली का दिखना या रास्ता काटना अशुभ माना जाता है तो वहीं दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में मांड्या जिले से 30 किलोमीटर दूर बैंकालेले गांव मैं बिल्ली को शुभ तो माना जाता है जिसके साथ ही बिल्ली का मंदिर भी है. जहां उनकी देवी के रूप में पूजा की जाती है, वही मिस़ में भी बिल्ली देवी के रूप में पूजी जाती है. भारत के साथ-साथ दुनिया भर में बिल्ली को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं तो चलिए आपको ऐसे में बिल्ली से जुड़े कुछ शकुन व अपशकुन के बारे में बात कर लेते हैं
बिल्ली से जुड़े कुछ शुभ व अपशकुन
ऐसे तो आमतौर पर कुत्ते का रोना शुभ नहीं माना जाता किंतु बिल्ली का रोना भी अशुभ होता है. कहा जाता है कि बिल्ली के बार-बार रोने से कोई परेशानियां आती है और कुछ जल्द ही गलत घटने वाला है. ऐसी ही मान्यताएं कुछ और है अगर बिल्ली के मुंह में मांस का टुकड़ा दिख जाए तो यह शुभ होता है , माना जाता है इससे आपके काम बड़ी ही आसानी से पूरे होनेहै लगते हैं और शत्रुओं से भी स्वतंत्रता मिलती है.
ऐसी मान्यता है कि यदि कभी सोती हुई बिल्ली आपको दिख जाए तो माना जाता है कि कोई बीमारी होने वाली है, वहीं अगर बिल्लियां लड़ती हुई दिख जाए तो मान लीजिए कि घर में बहुत बड़ी लड़ाई होने वाली है और आप के बने हुए कामों में रुकावट आने वाली है. इसके साथ ही बिल्ली यदि अपने बच्चों के साथ रास्ते में जाती हुई दिख जाए तो यह शुभ संकेत माना जाता है मान्यता के अनुसार जल्द ही कोई रिश्तेदार आपके यहां आ सकता है और उनके द्वारा कुछ अच्छी खबर मिल सकती है.
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