बुद्धिमान व्यक्ति के 6 लक्षण – चाणक्य नीति?

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बुद्धिमान व्यक्ति के 6 लक्षण – चाणक्य नीति?

चाणक्य नीति कि महत्पूर्ण बातें 

आज मैं बताने जा रहा हूं चाणक्य नीति का चौथा अध्याय ये चार बातें माता के गर्भ में ही निश्चित हो जाती है | पहला व्यक्ति कितने साल जिएगा दूसरी वह किस प्रकार का काम करेगा तीसरी उसके पास कितनी संपत्ति होगी चौथी उसकी मृत्यु कब होगी। पुत्र मित्र सगे संबंधी साधुओं को देखकर दूर भागते हैं | लेकिन जो लोग साधुओं का अनुसरण करते हैं | उनमें भक्ति जागृत होती है | और उनके उस पुण्य से उनका सारा कुल धन्य हो जाता है |

जैसे मछली दृष्टि से कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चों को पालते हैं | वैसे ही संतजन पुरुषों की संगति मनुष्य का पालन पोषण करती है | जब आपका शरीर स्वस्थ है | और आपके नियंत्रण में है उसी समय आत्मसाक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता। विद्या अर्जित करना यह एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है वह विदेश में माता के समान रक्षक एवं हितकारी होती है | इसलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है।

चाणक्य ज्ञान 

सैकड़ों गुन रहित पुत्रों से अच्छा एक गुनी पुत्र है| क्योंकि एक चंद्रमा ही रात्रि के अंधकार को भगाता है | असंख्य तारे यह काम नहीं करते एक ऐसा बालक जो जन्मते वक्त मृत था एक मूर्ख दीर्घायु बालक से बेहतर है | पहला बालक तो एक क्षण के लिए दुख देता है | दूसरा बालक उसके मां-बाप को जिंदगी भर दुख की अग्नि में चलाता है

यह 6 बातें व्यक्ति को बिना आग के ही जलाती है 

| एक छोटे गांव में बसना जहां रहने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं , एक ऐसे व्यक्ति के यहां नौकरी करना जो नीच कुल में पैदा हुआ है , और अस्वास्थ्य वर्धक भोजन का सेवन करना , जिसकी पत्नी हरदम गुस्से में होती है , जिसको मूर्ख पुत्र है , जिसकी पुत्री विधवा हो गई है | वह गाय की काम के जो ना तो दूध देती है ना तो बच्चे को जन्म देती है | उसी प्रकार उस बच्चे का जन्म किस काम का जो ना ही विद्वान हुआ ना ही भगवान का भक्त हुआ।

जब किसी व्यक्ति के जीवन में दुख आता है तो यही तीन लोग उसे सहारा देते हैं |पहला पुत्र और पुत्री दूसरा उसकी पत्नी और तीसरा भगवान के भक्त।

ये तीन बातें एक बार ही होनी चाहिए राजा का बोलना, विद्वान व्यक्ति का का बोलना, लड़की का ब्याह करना। जब आप तब करते हैं तो अकेले करें अभ्यास। करते हैं  तो दूसरे के साथ करें ज्ञान। करते हैं तो 4 लोग करें कृषि। युद्ध अनेक लोग मिलकर करें।

चाणक्य नीति 

वही अच्छी पत्नी है जो सूची पूर्ण है, पारंगत है,शुद्ध है, पति को पसंद करने वाली है और सत्यवादी है | जिस व्यक्ति के पुत्र नहीं है उसका घर उजाड़ है | जिसे कोई संबंधी नहीं है उसकी सभी दिशाएं उजाड़ है।मूर्ख व्यक्ति का हृदय उजाड़ है | निर्धन व्यक्ति का सबकुछ उजड़ है

जिस आध्यात्मिक सीख आचरण नहीं किया जाता वह एक शहर है | जिसका पेट खराब है उसके लिए भोजन जहर है | निर्धन व्यक्ति के लिए लोगों का किसी सामाजिक या व्यक्तिगत कार्यक्रम मैं एकत्र होना जहर है।

जिस व्यक्ति के पास धर्म और दया नहीं है उसे दूर करो, जिस गुरु के पास आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है उसे दूर करो, जिस पत्नी के चेहरे पर हरदम घृणा है उसे दूर करो जिन रिश्तेदारों के पास प्रेम नहीं उन्हें दूर करो।

सतत भ्रमण करना व्यक्ति को बुढ़ा बना देता है | यदि घोड़े को हरदम बांध कर रखते हैं | तो वह बूढ़ा हो जाता है | एक स्त्री उसके पति के साथ प्रणय नहीं करती हो तो बूढ़ी हो जाती है | धूप में रखने से कपड़े पुराने हो जाते है|

इन बातों को बार-बार गौर करें और याद रखें सही समय सही मित्र सही ठिकाना पैसे कमाने के सही साधन पैसे खर्चा करने के सही तरीके और आखिरी आपके उर्जा स्रोत द्विज अग्नि में भगवान देखते हैं | भक्तों के हृदय में परमात्मा का वास होता है | जो अल्प मती के लोग हैं  वह मूर्ति में भगवान देखते हैं | लेकिन जो व्यापक दृष्टि रखने वाले लोग हैं वह यह जानते हैं कि भगवान सर्वव्यापी है |

अपनी पत्नी को संतुष्ट कैसे रखें – चाणक्य नीति?

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