भगवान शंकर हिंदू धर्म का एक प्रमुख देवता है इन्हे सृष्टि के आदिदेव भी कहा जाता है। भगवान शंकर के कई नाम है कोई इन्हे भोले भंडारी कह कर बुलाते तो कोई इन्हे शिव। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान भोलेनाथ के निवास स्थान सिर्फ कैलाश ही नहीं बल्कि श्मशान भी उन्हें बहुत अधिक प्रिय है। तो आज हम लोग इन्हीं के बारे में जानेंगे कि भगवान भोलेनाथ श्मशान घाट में क्यों निवास करते हैं और उन्हें यह स्थान इतना प्रिय क्यों है तो चलिए जानते हैं।भगवान शिव श्मशान में क्यों निवास करते हैं – पौराणिक कथा?
भगवान शिव श्मशान में क्यों निवास करते हैं – पौराणिक कथा?
महाभारत के अनुशासन पर्व अध्याय 141 में वर्णित कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती भगवान शिव से पूछने लगी कि हे भगवान स्वर्ग लोक में तो सभी सुख-सुविधाओं से संपन्न एवं निवास स्थान है तो आप उस स्थान को छोड़कर श्मशान में क्यों निवास करते हैं। शमशान की उस भूमि तो हमेशा ही लाशों की हड्डियां एवं मानव कंकाल से भरा हुआ होता है गिद्धों और गीदड़ की जमाते जुटी रहती है फिर आप उस अपवित्र स्थान पर क्यों निवास करते हैं।
तब फिर शिवजी उत्तर देते हुए बोले – हे देवी मैं तो पवित्र स्थान की खोज में मैं दिन-रात इस पृथ्वी पर विचरण करता रहता हूं। लेकिन इस पूरे पृथ्वी लोक पर शमशानघाट से अच्छा मुझे कोई पवित्र स्थान नहीं दिखाई दिया इसीलिए सभी निवास स्थानों में से श्मशान में ही अधिक मेरा मन लगता है। श्मशान घाट में मेरे सभी भूत गणों का वास है इसलिए मैं अपने भूत गणों के बिना मैं और कहीं नहीं रह सकता इसीलिए मेरे लिए यह शमशान स्वर्ग और पवित्र, और प्रिय है।
भोलेनाथ श्मशान में क्यों निवास करते हैं?
श्मशान घाट कोई अपवित्र स्थल नहीं है यह परम ही पुण्य स्थल है। पवित्र वस्तु की कामना रखने वाले उपासक यहीं पर आकर उपासना करते हैं और उन्हें सिद्धियां प्राप्त होती है। यहां मनुष्य का अधिक आगमन भी नहीं होता इसीलिए इस पृथ्वी पर श्मशान भूमि से अधिक पवित्र स्थल और कोई नहीं है।आगे भगवान शिव कहते हैं कि हे देवी दूसरा कारण यह है कि मेरे सिवा और कोई दूसरा भूतजनित भय का नाश नहीं कर सकता इसीलिए मैं श्मशान में रहकर समस्त मनुष्य समुदाय की रक्षा करता हूँ। मेरी आज्ञा के बिना संपूर्ण भूत समुदाय किसी की हत्या नहीं कर सकता इसीलिए मैं उन्हें श्मशान भूमि में रोककर ही रखता हूं।
भगवान शिव को राम नाम की महिमा
तब फिर माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि हे प्रभु जब कोई व्यक्ति राम नाम लेता है तो आप उन्हें प्रणाम क्यों करते हैं। तब फिर भगवान शिव उत्तर देते हुए कहते हैं कि – हे देवी जब भी कोई व्यक्ति राम नाम लेता है तो उन्हें तीन बार प्रणाम करता हूं क्योंकि राम नाम मेरा सबसे प्रिय नाम है जो मैं हर समय जपा करता हूं।
जब भी कोई शवयात्रा श्मशान घाट ले जाया जाता है तब मैं वहां चला जाता हूं क्योंकि उस सब यात्रा के पीछे राम नाम का उच्चारण होता है जो मुझे बहुत अधिक प्रिय है जहां राम नाम का उच्चारण होता है मैं वहां रहता हूं। इसलिए मैं श्मशान घाट में निवास करता हूं कि कोई भी शव यात्रा राम नाम लेते हुए श्मशान घाट लाया जाता है। और इतने लोगों के मुख से राम नाम जप करवाने वाले उस शव को भी मैं सम्मान करता हूं और उनकी चिता की भस्म को मैं अपने शरीर पर भी लगाता हूं।
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