रामायण में अंगद की जगह हनुमान जी लंका क्यों गए – रामचरित मानस?

नमस्कार मित्रों आज हम लोग जानेंगे कि रामायण में अंगद की जगह हनुमान जी लंका क्यों गए – रामचरित मानस? जिसका वर्णन रामचरितमानस में किया गया है तो चलिए जानते है . रामचरित मानस में एक चौपाई आती है जिसमे यह लिखा है कि –

“अंगद कहइ जाउँ मैं पारा।

जियँ संसय कछु फिरती बारा॥”

अंगद जी बुद्धि और बल में बाली के समान ही थे! समुद्र के उस पार जाना भी उनके लिए बिल्कुल सरल था। किन्तु वह कहते हैं कि लौटने में मुझे संसय है।

अब बात आती है कौन सा संसय था लौटने में?

रामायण में अंगद की जगह हनुमान जी लंका क्यों गए – रामचरित मानस?

बालि के पुत्र अंगद जी और रावण का पुत्र अक्षय कुमार दोनों एक ही गुरु के यहाँ शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। अंगद बहुत ही बलशाली थे और थोड़े से शैतान भी थे। वो प्रायः अक्षय कुमार को थप्पड़ मार देते थे जिससे की वह मूर्छित हो जाता था।

अक्षय कुमार बार बार रोता हुआ गुरुजी के पास जाता और अंगद जी की शिकायत करता, एक दिन गुरुजी ने क्रोधित होकर अंगद को श्राप दे दिया कि अब यदि अक्षय कुमार पर तुमने हाथ उठाया तो तुम उसी क्षण मृत्यु को प्राप्त हो जाओगे।

अगंद जी को यही संसय था कि कंही लंका में उनका सामना अक्षय कुमार से हो गया तो श्राप के कारण गड़बड़ हो सकती है, इसलिए उन्होंने पहले हनुमान जी से जाने को कहा। और ये बात रावण भी जानता था, इसलिए जब राक्षसों ने रावण को बताया बड़ा भारी वानर आया है और अशोक वाटिका को उजाड़ रहा है तो रावण ने सबसे पहले अक्षय कुमार को ही भेजा वह जानता था वानरों में इतना बलशाली बाली और अंगद ही है जो सो योजन का समुंद्र लांघ कर लंका में प्रवेश कर सकते हैं, बाली का तो वध श्री राम के हाथों हो चुका है तो हो न हो अंगद ही होगा और अगर वह हुआ तो अक्षय कुमार उसका बड़ी सरलता से वध कर देगा।

पुनि पठयउ तेहिं अच्छकुमारा। चला संग लै सुभट अपारा॥

आवत देखि बिटप गहि तर्जा। ताहि निपाति महाधुनि गर्जा॥4॥

 

किन्तु जब हनुमान जी ने अक्षय कुमार का राम नाम सत्य कर दिया और राक्षसों ने जाकर यह सूचना रावण को दी तो उसने सीधे मेघनाथ को भेजा और कहा उस वानर को मारना नही बंधी बनाकर लाना में देखना चाहता हूँ बाली और अंगद के सिवाय और कोनसा वानर इतना बलशाली है।

 

सुनि सुत बध लंकेस रिसाना।

पठएसि मेघनाद बलवाना॥

मारसि जनि सुत बाँधेसु ताही।

देखिअ कपिहि कहाँ कर आही॥

 

हनुमान जी ज्ञानिनामग्रगण्यम् है वह जानते थे जब तक अक्षय कुमार जीवित रहेगा अंगद जी लंका में प्रवेश नही कर पाएंगे, इसलिए हनुमान जी ने अक्षय कुमार का वध किया जिससे अंगद जी बिना संसय के लंका में प्रवेश कर सके और बाद में वह शांति दूत बन कर गए भी।

श्री रामचरितमानस रामायण के महत्व एवं चमत्कार जानिए क्या है?

अंगद ने रावण को बताया मृत्यु के 14 प्रकार – रामचरितमानस?

x

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *