रात में श्मशान घाट क्यों नहीं जाना चाहिए – गरुड़ पुराण?

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मित्रों श्मशान घाट का नाम लेते हैं हमारे मन में एक अजीब तरह का भयानक होने लगता है। इस जगह के बारे में बड़े बुजुर्गों से यह कहते हुए सुना होगा कि श्मशान घाट को रात में नहीं जाना चाहिए यह खतरनाक हो सकता है। ऐसे में क्या आप लोगों के मन में यह सवाल उठाया है कि रात के वक्त श्मशान घाट जाने से मना क्यों किया जाता है क्या इसके पीछे कोई गहरा रहस्य छिपा है या कोई डर है जिसकी वजह से लोग इस स्थान पर रात को जाना नहीं चाहते है। तो चलिए आज हम लोग जानेंगे इसके बारे में कि रात में श्मशान घाट क्यों नहीं जाना चाहिए – गरुड़ पुराण?

रात में श्मशान घाट क्यों नहीं जाना चाहिए – गरुड़ पुराण?

मित्रों हिंदू धर्म में श्मशान घाट वह जगह होती है जहां पर मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है लेकिन रात के समय में श्मशान घाट जाने पर सख्त मनाही है, जिसका कारण हमारे धर्म शास्त्रों में से एक गरुड़ पुराण में इसका उल्लेख मिलता है। दरअसल श्मशान घाट पर अघोरी और तांत्रिकों का जमावड़ा होता है और जिस वक्त हम लोग गहरी नींद में सोए हुए रहते हैं उस वक्त श्मशान घाट पर कई प्रकार की खतरनाक एवं भयानक अघोरी  एवं तांत्रिकों सिद्धियां प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के तंत्र साधना करते है। यहां पर अघोरी तांत्रिक को मुख्यतः तीन प्रकार की साधनाएं करते है जिसका नाम है श्मशान साधना, शिव साधना एवं शव साधना।

यह सभी साधनाएं काफी भयानक होती है इसलिए आम लोगों को इस स्थान पर जाने के लिए मना किया जाता है। कहा जाता है कि शमशान घाट पर कई प्रकार की बुरी आत्मा एवं प्रेतों का भी वास होता है इसीलिए आप लोगों को रात के समय में इस जगह से दूर ही रहना चाहिए अन्यथा किसी बड़े संकट का भी सामना करना पड़ सकता है।

शमशान घाट से जुड़े धार्मिक कारण?

श्मशान घाट से जुड़ा एक अहम धार्मिक पहलू यह भी है कि हिंदू धर्म के धर्म शास्त्रों में भगवान शिव और माता महाकाली को श्मशान घाट का देवता माना गया है। इसी जगह पर महादेव भस्म लगाए हुए ध्यान में लीन रहते हैं वहीं इसी स्थान पर मां काली बुरी आत्माओं पर नजर रखते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव मृतक को अपने अंदर समाहित कर लेते हैं और इस प्रक्रिया में कोई भी विपरीत शक्ति प्रभावित करने की कोशिश करता है तो उसे माता महाकाली के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि रात्रि में श्मशान घाट से गुजरने से मना किया जाता है।

जिसकी कुंडली में ग्रहण योग हो और जिसकी इच्छा शक्ति कमजोर हो उसे बुरी आत्माएं प्रभावित कर सकती है इसलिए ऐसे व्यक्ति को रात के वक्त श्मशान घाट नहीं जाना चाहिए। मित्रों कुछ लोग इस बात को पूरी तरह से अंधविश्वास मानते हैं लेकिन आपको जानकारी आश्चर्य होगा कि धार्मिक कारणों के अलावा इससे जुड़े कुछ मनोवैज्ञानिक तथ्य भी है जो एक कहती है कि रात के समय कुछ नकारात्मक शक्तियां ज्यादा सक्रिय और शक्तिशाली हो जाती है। और जो भी इंसान ज्यादा भावुक और मानसिक रूप से कमजोर हो उन पर इन शक्तियों का प्रभाव बहुत जल्दी पड़ता है।

शमशान घाट जाने से क्यों डरते है लोग?

जो व्यक्ति अकेले रहते हैं जिन्हें ज्यादा सोचने की आदत होती है ऐसे व्यक्ति यदि रात के वक्त श्मशान घाट के पास से होकर गुजरे तो यह शक्तियां उन पर भी प्रभावित कर सकती है। जब कोई व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में आता है तो वह अपना खुद का नियंत्रण खो बैठता है और वे उसके वश में हो जाता है। कभी भी खुशबू एवं इत्र का इस्तेमाल करके श्मशान घाट वाले जगहों से नहीं गुजरना चाहिए क्युकि यह खुशबू इन नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करती है और उस व्यक्ति को अपने वश में करने की कोशिश करने लगते है।

इन सब बातों से हमें विश्वास हो जाता है कि इस सृष्टि में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों प्रकार की शक्तियां मौजूद है और हमारे जीवन में सबका अलग-अलग प्रभाव पड़ता है और हमें जीवन में सकारात्मक शक्तियों के साथ जीना है। तो इसीलिए बिना वजह श्मशान घाट जाना कोई  बहादुरी का काम नहीं है इसलिए दोस्तों जितना हो सके अपना दूसरों का ख्याल रखें।

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