शरीर के किस भाग से प्राण निकलने पर आत्मा भूत बन जाती है – गरुड़ पुराण?
मृत्यु के समय प्राण कैसे निकलते हैं कल्पनाओं से भरे इस सवाल का जवाब कहीं और नहीं बल्कि हमारे धर्म शास्त्रों से एक गरुड़ पुराण में दिया गया है। तो चलिए जानते हमारे धर्म शास्त्रों में से एक गरुड़ पुराण में इसके बारे में क्या बताया गया है? शरीर के किस भाग से प्राण निकलने पर आत्मा भूत बन जाती है – गरुड़ पुराण?
जीवात्मा के प्राण शरीर के किस भाग से निकलते हैं
हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जिस समय किसी की भी मृत्यु होने वाली होती है उस समय वो बोलने की बहुत कोशिश करता है लेकिन बोल नहीं पाता। कहा तो ये भी जाता है कि बढ़ते समय के साथ उनकी बोलने सुनने की शक्ति खत्म होती जाती है और तो और उस समय शरीर से आत्मा निकलती है जिसे कोई और नहीं बल्कि खुद यमदूत पकड़कर यमलोक ले जाते हैं।
इतना ही नहीं मरते समय आत्मा शरीर के नौ द्वारों में से किसी से भी शरीर छोड़ सकती है। लेकिन सोचने वाली बात है कि आपकी शरीर की आखिर वह कौन सी जगह है? दोस्तों ये नौ द्वार दोनों आंखें, दोनों कान, दोनों नासिका के छिद्र या फिर उत्सर्जन अंग है।
जिसने पूरा जीवन सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिए ही सोचा हो, जनकल्याण नहीं किया और सिर्फ पैसे कमाने में ही लगा रहता है उसके प्राण उत्सर्जन अंग से निकलते हैं। कहा जाता है कि ये वो लोग भी होते हैं जिनके मन में हमेशा गंदे विचार ही रहते है ऐसे लोगों की जब मृत्यु आती है तब यमदूतओ को देखते हैं वो घबरा जाते हैं और उनके प्राण नीचे की ओर से सरकने लगते हैं। इसके बाद प्राणवायु नीचे के रास्ते से निकल जाती है।
प्राणवायु के साथ अंगूठे के आकार का एक अदृश्य जीव निकलता है। यमराज के दूत उसके गले में बास बांध देते हैं और अपने साथ यमलोक लेकर जाते है। इस तरह के मृत्यु पापी व्यक्ति की मानी जाती है। वही जो लोग दुनिया की मोह माया में फंसे रहते हैं और उनके अंदर जीने की तमन्ना बहुत ज्यादा होती है इसके साथ ही परिजनों की और भी मोह ज्यादा होता है ऐसे लोगों की जब मौत पास आती है तब उनकी आंखें काम करना बंद कर देती है।
साथ ही साथ कान से सुनाई देना भी बंद हो जाता है और वो चाह कर भी किसी से कुछ नहीं बोल पाता ऐसे लोग परिवार से जुड़े मोह के धागों के चलते अपने प्राण नहीं छोड़ना चाहते हैं। जिसके बाद यमराज के दूत को आंखों से बलपूर्वक उनके प्राण निकालने पड़ते हैं जिसकी वजह से उनकी आंखें उलट जाती है।
शरीर के किस भाग से प्राण निकलने पर आत्मा भूत बन जाती है – गरुड़ पुराण?
दोस्तों गरुड़ पुराण में उन लोगों के मौत के बारे में भी बताया गया है जो आजीवन धर्म के रास्ते पर चलते हैं। आपने कई बार देखा होगा की मौत के बाद कई शव के मुंह टेढ़े हो जाते हैं। बता दे ऐसा उन लोगों के साथ होता है जिनके प्राण मुंह से निकलते हैं इसको बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इन लोगों को यमलोक में कष्ट नहीं भोगना पड़ते हैं।
वही शास्त्रों में नाक से प्राणो का निकलना भी बहुत शुभ बताया गया है गरुड़ पुराण के मुताबिक इस तरह से उन्हीं लोगों के प्राण निकलते हैं जिन्होंने परिवार में रहते हुए सारे फर्ज निभाएं हो और मन को बैरागी बना लिया हो। वही अगर हम मौत से पहले की बात करें तो बता दे उससे पहले आत्मा शरीर से निकल कर कुछ देर तक बेहोशी की हालत में रहती है। आत्मा को इस तरह लगता है जैसे कोई बहुत मेहनत करके थका हुआ हो और गहरी नींद में हो लेकिन कुछ पल में यह अचेत से भी सचेत हो जाती है और उठ कर खड़ी हो जाती है।
और तो और जब शरीर से आत्मा निकलती है तब शरीर को कुछ समय तक कुछ पता ही नहीं चलता है कि वो केवल शरीर से अलग है। वो उसी तरह व्यवहार करती है जैसे शरीर में रहते हुए उसका व्यवहार था जिसके बाद आत्मा अपने सगे संबंधीओ को आवाज देती है पर वह सुन नहीं पाते। जिसके चलते आत्मा को बेचैनी और छटपटाहट होने लगती है वो परेशान होकर सभी लोगों से कुछ कहना चाहती है पर उसकी आवाज बस उस तक ही गूंज कर रह जाती है क्योंकि वो भौतिक नहीं अभौतिक आवाज होती है और मनुष्य केवल भौतिक चीजों को ही महसूस करता है।
इतना ही नहीं शरीर के मृत्य हो जाने पर आत्मा अपने परिजनओ को रोते बिलखते देखकर दुखी होती है और खुद भी दुख से परेशान होकर रोती है। लेकिन उसके बस में कुछ नहीं होता वो लाचार होकर सब कुछ देखने और अपने जीवन काल में किए कर्मों को याद करके दुखी होती है। जिसके बाद यम के दूत आत्मा से कहते हैं कि चलो अब यहां से चलने का समय आ गया है। और उनके कर्मों के अनुसार उसे लेकर यम मार्ग और चल पड़ते है।
मृत्यु के बाद का सफर
इतना ही नहीं मौत के आगे के सफर के बारे में भी गरुड़ पुराण में बताया गया है कहा जाता है कि मृत्यु के बाद मनुष्य के कर्मों के हिसाब से उसे स्वर्ग या नरक मिलता है। सबसे पहले मृत्यु के बाद आत्मा को यमदूत केवल 24 घंटों के लिए ही यमलोक ले जाते हैं। और इन 24 घंटों के दौरान आत्मा को उसके द्वारा किए गए सभी पाप और पुण्य दिखाए जाते हैं। इसके बाद उस आत्मा को फिर से वही छोड़ दिया जाता है जहां उसने अपने प्राणों को त्याग किया था। फिर अगले 13 दिनों तक आत्मा वही रहती है जब उस आत्मा के धरती पर 13 दिन बीत जाते हैं तब उसे वापस उसे यमलोक ले जाया जाता है।
यही नहीं मृत्यु के बाद जीवात्मा को यमलोक के मार्ग में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो अच्छे आत्माएं होती है उन्हें इस बाधाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता, वही बुरी आत्माओं को कई प्रकार की यातनाओं का सामना करना पड़ता है तो दोस्तों आज आपने जाना कि किस तरह मौत आती है और कहां से प्राण निकलते हैं अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें?
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