मित्र सनातन धर्म में बहुत से ऐसे पेड़ पौधे हैं जिनको पूजनीय माना जाता है. प्रकृति को देवता की तरह माना जाता है और पेड़ पौधों का पूजन करके प्रकृति के प्रति आभार भी व्यक्त किया जाता है. पेड़ पौधे इस पृथ्वी लोक पर हमारे जीवन का आधार है लेकिन क्या आपको पता है कि किस पेड़ में कौन से देवता एवं कौन सी देवी का वास होता है और किस दिन किस पेड़ की पूजा करनी चाहिए, तो चलिए जानते हैं?हिंदू धर्म में वृक्षों की पूजा क्यों होती है?
हिंदू धर्म में वृक्षों की पूजा क्यों होती है?
मित्रों एक सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जिसमें सभी सभी जीवो, पेड़ पौधे, नदियां एवं पर्वतों को एक समान की दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि हम लोग इन्हीं के बीच में वास करते हैं और कहा जाता है परमात्मा सर्वत्र है. अगर यह सब नहीं होंगे तो हम इंसान भी इस पृथ्वी पर जीवित नहीं रह पाएंगे.
हमारे हिन्दु धर्म में कुछ पेड़-पौधे ऐसे भी है जिन्हें विशेष महत्व दिया है और वह हम मनुष्य जाति के लिए सुख समृद्धि का कारक भी है. ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार किस पेड़ में कौन से देवी देवता का वास होता है और उस पेड़ की पूजा करते समय कौन सी खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. चलिए जानते हैं.
केले का पेड़
केले के वृक्ष का संबंध भगवान विष्णु और देवताओं के गुरु बृहस्पति से माना गया है. बृहस्पतिवार के दिन केले के पौधे के जड़ में शुद्ध घी के दीपक जलाने चाहिए और जल में हल्दी मिलाकर केले की जड़ों में अर्पित करना चाहिए जिससे आपका बृहस्पति मजबूत होता है और भगवान नारायण की कृपा आप पर बनी रहेगी. ऐसा करने से आपके घर में सुख समृद्धि का वास होगा और जिसकी भी शादी विवाह में बाधा आ रही है वह इस प्रक्रिया को करें तो जल्द ही उसकी बाधाएं दूर हो जाएगी.
आंवला और तुलसी के पेड़ का पूजन
दोस्तों यह तो सभी जानते हैं कि तुलसी के वृक्ष भगवान श्री हरि को अति प्रिय है. जिन घरों में हर दिन सुबह श्याम तुलसी के पेड़ में जल एवं दीपक जलाया जाता है और तुलसी माता की पूजा अर्चना की जाती है उस घर में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है. ऐसे घरों में सुख समृद्धि की कमी नहीं होती. आंवला सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है वही आंवला का पेड़ के एकादशी के दिन पूजा एवं साधना करने से उस पर भगवान श्री हरि की कृपा बनी रहती है.
बेल और बरगद का पेड़
बरगद और बेल के पेड़ पर भगवान शिव वास करते हैं. हर दिन भगवान शिव के शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से इंसान के सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है. वही मान्यता है कि बरगद के पेड़ की पूजा हर त्रयोदशी को करना शुभ माना जाता है.
शमी का पेड़
यह पेड़ भगवान शनिदेव को समर्पित है. शमी के पेड़ के पास प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल के दीपक जलाने से आपके घर में हर तरह की परेशानी टल सकती है. अगर किसी भी व्यक्ति को शनि ग्रह की समस्या है तो वह प्रत्येक शनिवार को शमी के पेड़ के पास सरसों का तेल के दीपक जलाया करें इससे उसके शनि ग्रह अभी शांत हो जाएंगे और उन पर आने वाली विपत्ति भी टल जाती है.
कदंब का पेड़
बता दे कि कदंब का पेड़ पर धन की देवी माता लक्ष्मी का वास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कदम के पेड़ के नीचे बैठकर यज्ञ करने से माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है और घर परिवार में सुख समृद्धि का विकास होता है.
दूब घास
कहा जाता है कि हर पूजा में दूब घास का इस्तेमाल होता है. भगवान श्रीगणेश को दूब घास सबसे ज्यादा पसंद है. हर बुधवार को दूब घास में हल्दी लगाकर गणपति बप्पा को अर्पित करने से आपके कार्य में आ रही हर तरह की बाधाएं दूर हो जाती है और आपको सफलता मिलती है.
पीपल का पेड़
पीपल का पेड़ का हिंदू धर्म में बहुत ही अधिक महत्व है यह सभी वृक्षों में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाला पेड़ है. शास्त्रों के अनुसार जो लोग शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं और उसकी परिक्रमा करता है उन्हें शनिदेव की साढ़ेसाती का प्रकोप नहीं होता है और होने वाली अशुभ घटनाएं भी दूर हो जाती है.
पीपल के पेड़ के विधिवत पूजा करने से पृत दोष, शनि दोष, राहु और केतु दोष भी दूर हो जाते हैं.रविवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दरिद्रता का वास होता है अगर आप इस दिन पेपर के पेड़ की पूजा करते तो आपके घर में दरिद्रता एवं अशांति उत्पन्न हो सकता है.
अशोक का पेड़
सनातन धर्म में अशोक के पेड़ का कुछ अपना ही महत्व है इस वृक्ष को पवित्र और शुभ माना जाता है. अशोक के वृक्ष में भगवान भोलेनाथ का वास होता है अशोक का पेड़ आपके सारे दुख हरता है. अशोक का पेड़ घर के उत्तर दिशा में लगाने से सकारात्मक प्रभाव आती हैं जिससे आपके घर में सुख शांति बनी रहती है.