त्रिफला में एंटीफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो अर्थराइटिस यानी गठिया में सूजन की समस्या को दूर करते हैं . दोस्तों त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट गुण

त्रिफला के फायदे एवं नुकसान.

हेलो फ्रेंड स्वागत है आप लोगों का हमारे इस कंटेंट में आज हम लोग बात करेंगे बहुत ही अच्छे औषधि त्रिफला के बारे में. त्रिफला चूर्ण से मिलने वाले जो चमत्कारी फायदे के बारे में इसके साथ-साथ में आपको त्रिफला चूर्ण बनाने का सबसे आसान तरीका बताऊंगा और इसका सेवन कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए यह सभी आज हम जानेंगे.त्रिफला के फायदे एवं नुकसान.

त्रिफला

दोस्तों वैसे तो वात, पित्त और कफ तीनों को नाश करने वाली चीज बहुत ही कम है लेकिन इसमें से जो सबसे अच्छी चीजें हैं वह है आंबला, पीली हरड़ और बहेड़ा. दोस्तों जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि त्रिफला का अर्थ है तीन फल  त्रि का मतलब तीन और फल का मतलब फल यह तीनों फलों से मिलकर बनता है त्रिफला. त्रिफला में बेहतरीन एंट्री फिलामेंट्री, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं.इसके अलावा त्रिफला चूर्ण की तासीर थोड़ी गर्म होती है इसलिए गर्मी के मौसम में इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए शॉर्ट में कहे तो दोस्तों त्रिफला समस्त रोगों की एक अमृत दवा है.

त्रिफला के फायदे

वैसे तो दोस्तों त्रिफला का सेवन करने से हमें अलग-अलग तरह के लाभ मिलते हैं लेकिन आज हम आपको बड़े फायदे के बारे में बात करेंगे जिससे आप नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करना शुरू कर देंगे. सबसे पहला फायदा है त्रिफला खाने का यह हमारे पाचन तंत्र को ठीक रखता है जिन लोगों की पाचन तंत्र कमजोर हो और जिन लोगों को ज्यादातर एसिडिटी की समस्या रहती हो यानी थोड़ा सा भी ज्यादा खाना नहीं पचा पाते तो उन्हें नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह आंबला, हरड़ और बहेड़ा तीनों फलों से मिलकर बनता है जो की औषधि गुणों का भंडार है.

इसके अलावा जिन लोगों को पाइल्स यानी बवासीर की शिकायत हो या ज्यादातर कब्ज की समस्या रहती हो तो उन्हें त्रिफला का जरूर सेवन करना चाहिए. त्रिफला पाइल्स और कब्ज का रामबाण इलाज है.

दोस्तों जो लोग मोटापे की वजह से बहुत ही परेशान रहते हो सब कुछ ट्राई कर लिया लेकिन फिर भी वेट लॉस नहीं हो पा रहा है तो उनके लिए त्रिफला किसी वरदान से कम नहीं है जी हां प्रतिदिन खाली पेट त्रिफला का सेवन करने से बहुत ही जल्द वेट रिड्यूस होता है असल में दोस्तों में जो लोग मोटापे से ग्रसित होते हैं उनके शरीर मैं कैल्शियम और विटामिन सी की मात्रा बहुत ही कम होती है इसलिए इसकी कमी त्रिफला के द्वारा पूरी की जा सकती है और इससे वजन कम करने में मदद मिलती है

त्रिफला डायबिटीज पेशेंट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि त्रिफला में हैरड़ और बहेड़ा मौजूद होता है जिसकी मदद से डाइजेस्टिव एंजाइम के मदद रेग्युलेट किया जा सकता है और आंवला में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं इसलिए डायबिटीज के पेशेंट के लिए त्रिफला का फल सेवन करने से बहुत ही फायदेमंद होता है

इसके अलावा त्रिफला हमारी आंखों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है असल में त्रिफला में आंवला होता है और आंबला में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हमारी आंखों की रोशनी बढ़ाने में बहुत ही मददगार होता है चौथा फायदा दोस्तों त्रिफला का नियमित सेवन करने से हृदय स्वस्थ रहता है त्रिफला का सेवन करने से आपका बड़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर देता है इसके अलावा त्रिफला आपके शरीर में बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को अपने लेवल में लाने में बहुत ही मदद करता है.

त्रिफला हमारे शरीर में लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में बहुत ही मदद करता है. त्रिफला हमारे शरीर में जमा टॉक्सिन यानी विषैले पदार्थ को बाहर निकाल कर शरीर को साफ करता है जिससे हमारा लिवर बिल्कुल स्वस्थ रहता है. दोस्तों त्रिफला में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है और कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद ही आवश्यक होता है इसीलिए जिन्हें जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करना चाहिए इससे जोड़ों में दर्द की समस्या दूर होगी.

इसके अलावा त्रिफला में एंटीफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो अर्थराइटिस यानी गठिया में सूजन की समस्या को दूर करते हैं . दोस्तों त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में होते हैं जो बालों को स्वस्थ बनाए रखते हैं तो अगर आप रेगुलर त्रिफला का सेवन करते हैं तो आपके बाल मजबूत होंगे और बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी इसके साथ-साथ त्रिफला का सेवन करने से सफेद बालों की भी समस्या दूर होगी. चलिए अब हम जानेंगे कि त्रिफला खाने का सही समय और सही तरीका क्या है यानी किन-किन तरीकों से त्रिफला का सेवन किया जा सकता है.

त्रिफला खाने का सही समय और सही तरीका

वैसे तो एक स्वस्थ व्यक्ति को त्रिफला का सेवन खाली पेट सुबह के समय करना चाहिए. सुबह के नाश्ते के 1 घंटे पहले त्रिफला का सेवन करने से फायदेमंद होता है. दोस्तों यदि आप त्रिफला का सेवन डायरेक्ट नहीं कर पाते हैं तो सुबह में त्रिफला का सेवन गुड़ या शहद के साथ करें और आप गुड़ के साथ त्रिफला का सेवन करने के बाद सुबह के समय दूध का भी सेवन कर सकते हैं यह भी आपके शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा. पर जिन व्यक्तियों को कब्ज या बवासीर की शिकायत हो या पेट से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो उन्हें त्रिफला का सेवन रात के खाना खाने के बाद या फिर रात में सोने के समय गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए क्योंकि रात को त्रिफला खाने से सुबह तक पेट साफ हो जाता है.

इसके अलावा कुछ लोगों को त्रिफला फल के स्वाद पसंद नहीं आता तो वे इसका सेवन त्रिफला के चाय के रूप में भी कर सकते हैं, इसके लिए आप एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलाकर अच्छी तरह से उबालें और जब पानी लगभग आधा हो जाए तो इसे छान कर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर इसका सेवन करें पर ध्यान रहे त्रिफला चाय का सेवन एक कप से ज्यादा ना करें. दोस्तों त्रिफला का सेवन करने का एक और अच्छा तरीका है आप चाहे तो त्रिफला चूर्ण के जगह त्रिफला के टेबलेट मार्केट में अवेलेबल होते हैं तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले कर के इसका सेवन कर सकते हैं. तो आइए अब हम जानेंगे त्रिफला चूर्ण बनाने का सबसे आसान तरीका क्या है

त्रिफला चूर्ण बनाने का सबसे आसान तरीका

दोस्तों वैसे तो त्रिफला चूर्ण मार्केट में मिलता ही है पर अगर आप इसे घर पर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लेना है हरड़ का छिलका, बहेड़ा का छिलका और आंवले के गुठली निकले हुए. दोस्तों त्रिफला चूर्ण में पड़ने वाले हरड़, बहेड़ा और आंवला आपको लेना है 1 2 3 की रेशियो में यानी इसके लिए आपको लेना है 20 ग्राम हरड़ 40 ग्राम बहेड़ा और 60 ग्राम आवला इन सब को मिक्सर में एक-एक करके अच्छी तरह से पीस लें यानी इसका बारीक पाउडर बना लें. एक-एक करके तीनों को अच्छे से छान लें अब आप इन तीनों चूर्ण को मिला ले, फिर इस मिश्रण को एक एयर टाइट जार में डालकर एकत्रित कर ले और रोजाना इसका सेवन करें.

 त्रिफला खाने का सही मात्रा क्या है

फ्रेंड्स यदि आप त्रिफला का सेवन सुबह के खाली पेट में करते हैं तो एक बड़ा चम्मच लगभग 5 से 7 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं और रात के सोते समय इसका सेवन करते हैं तो एक छोटे से चम्मच में यानी 3 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन करना लाभदायक होता है. दोस्तों यदि आप त्रिफला का टेबलेट या कैप्सूल का सेवन करते हैं तो एक या दो टैबलेट गुनगुने पानी के साथ ले और दिन भर में केवल एक ही बार त्रिफला का सेवन करना चाहिए. एक और बात का और ध्यान दे दोस्तों शुरुआत में त्रिफला का सेवन करने से एक या दो बार लूज मोशन हो सकते हैं पर इससे आपको घबराने की कोई बात नहीं है इससे हमारा पेट साफ होता है .

त्रिफला के नुकसान

यदि आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में त्रिफला का सेवन करते हैं तो यह फायदे की जगह नुकसान भी कर सकता है क्योंकि त्रिफला की तासीर गर्म होती है इसलिए ज्यादा मात्रा में त्रिफला का सेवन करने से पेट में दर्द हो सकता है डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. इसके अलावा लगातार ज्यादा मात्रा में त्रिफला का सेवन करने से स्क्रीन में एलर्जी ,फेस में सूजन की समस्या हो सकती है. फ्रेंड्स लास्ट में मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि किन लोगों को यानी किस कंडीशन में त्रिफला खाने से परहेज करना चाहिए.

प्रेगनेंसी के दौरान त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो इससे नुकसान हो सकता है. इसके अलावा 4 साल से छोटे बच्चे को त्रिफला ना दे तो अच्छा रहेगा क्योंकि इसमें लैक्सेटिव प्रॉपर्टी होती है यानी लैक्सेटिव नेचर का होता है इसलिए उन्हें त्रिफला की जगह आंवला खिलाए जिन लोगों की पेट बहुत ही नाजुक हो यानी लौकी भी खाने से उन्हें लूज मोशन हो जाती हो तो ऐसे लोगों को त्रिफला खाने से परहेज करनी चाहिए और लूज मोशन होने पर त्रिफला का सेवन रोक देना चाहिए क्योंकि इससे प्रॉब्लम और बढ़ सकती है.

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